टेम्पु चालक का बेटा बना लेफ्टीटेन्ट,ग्रामीणों में ख़ुशी
मयूरहंड : यदि किसी कार्य को करने को लेकर इच्छा शक्ति प्रबल हो तो उस कार्य को मंजिल तक पंहुचाने में पूरा कायनात उसकी मदद में लग जाता है। कुछ ऐसा ही उदाहरण प्रखंड के सुहैय गांव में देखने को मिला। जहां एक टेम्पु चालक के पुत्र ने अपने नाम का लोहा पुरे जिला में मनवाने का काम किया। सुहैय गांव निवासी ग्रीन सिंह का पुत्र चंदन सिंह थल सेना में लेफ्टिनेंट के पद चयनित होकर अपने परिवार वालों के साथ साथ पुरे गांव का नाम रौशन किया है। शनिवार को चंदन का चयन लेफ्टिनेंट पद पर हुआ। जानकारी के अनुसार चंदन को बचपन से ही थल सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने की इच्छा हिलकोरे मार रही थी। वर्ष 2012 में चंदन का चयन थल सेवा के क्लर्क के पद पर हुआ था। परन्तु जिसे थल सेना का ऊँचा अधिकारी बनने का भुत सवार था। वो क्लर्क के पद पर कैसे रह सकता था। सिंह थल सेना में रहकर पढ़ाई करने में लग गया। वर्ष 2016 को आर्मी कैडेट कॉलेज में आयोजित परीक्षा में पहली बार में ही सफलता हासिल कर ली। साथ ही एसएसबी इंटरव्यू में भी अच्छे अंक प्राप्त कर अधिकारी बन गया। जिसके बाद सिंह इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून ने चार वर्ष का प्रशिक्षण पास आउट कर लेफ्टिनेंट के पद को प्राप्त किया। चंदन ने बताया की मेरी सफलता के पीछे मेरे पिता की मेहनत व मेरी मां की ममता है। जिन्होंने खुद भूखे रहते हुए मुझे सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराया है। मेरे पिता टेम्पु चालक का कार्य कर घर चलाने का कार्य करते हैं। चंदन के पिता ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया की चंदन शुरू से ही पढ़ाई के पीछे बहुत मेहनत करता था। सब उसकी मेहनत का परिणाम है। मैंने केवल पिता होने का फर्ज निभाया है। इधर चंदन का चयन लेफ्टिनेंट बनने की जानकारी मिलते ही पूरा गांव चंदन के घर पहूंच कर घर वालो को बधाई देने में लगा है। सभी का सीना गर्व से फूल गया है।