केसर की खुशबू से महकने लगा मंधनिया गांव
आकाश सिंह
मयूरहंड : केसर सुनकर ही मन महकने लगता है। ऐसा लगता है जैसे अमृत मिल गया हो। लोग कल तक केसर की खेती को टीवी पर देखा करते थे। लेकिन मंधनिया गांव निवासी उपेंद्र दांगी ने केसर को अपने खेतों में उगाकर पूरे मंधनिया गांव को महकाने का कार्य किया है। केसर के फूल अन्य किसानों को भी अपनी ओर आकृषित करने लगा है। उपेंद्र दांगी ने लगभग 2 कट्टा जमीन पर केसर की खेती की है। उपेंद्र दांगी ने बताया कि केसर लगाने से पहले पूर्वजों के द्वारा बताए गए परम्परगत खेती गेंहू किया करता था। लेकिन इंटरनेट के माध्यम से केसर की खेती के बारे में सुना। जिसके बाद मोबाइल पर केसर की खेती कैसे की जाती है इसकी जानकारी लेने लगा। जानकारी मिलने के बाद अपने खेत मे केसर लगाने का फैसला किया। परन्तु घरवाले व गांव वालों ने केसर की खेती करने की सुनकर मेरा खूब मजाक उड़ाने लगे। इसके बावजूद मैंने अपना फैसला नही बदला। इंटरनेट के द्वारा मिल रही जानकारी को लेते हुए दुर्गा पूजा से पहले अपने खेत मे केसर की खेती कर डाली। अन्य फसलों की तरह समय समय पर पानी देते रहा। कुछ माह बीतने के बाद केसर में फूल आने लगे। अब पूरे खेत मे केसर के लाल फूल व उसकी महक सभी को अपनी ओर खींचने लगे है। आते जाते लोग केसर की खुशबू से प्रफुलित हो रहे है। यहां तक कि लोग केसर के फसलों के साथ फोटो भी लेने लगे है। जो लोग कल तक मेरा माजक उड़ाते थे। वही लोग आज मुझसे केसर की खेती के बारे में मुझे पूछने आ रहे है। उपेंद्र दांगी ने बताया कि हज़ारीबाग़ से पांच हजार की लागत में 100 ग्राम केसर का बीज उपलब्ध किया था। दांगी बताते है कि केसर अब तैयार होने लगा है। यदि इस बार केसर के अच्छे दाम मिले तो आने वाले वर्षो में बड़े पैमाने पर केसर की खेती करूंगा और सभी को केसर की खेती करने के लिए प्रोत्साहित भी करूंगा। ताकि अच्छा मुनाफा कमा सकू।